पागलपन की हद तक प्यार करके देखो मुझे,
शमा जलने की देर है बस,
आँखों की पलकें भी ना झपक पायेगी,
कोई घडी कहीं थम जाएगी बस।
मेरी साँसों को परख के देखो ज़रा,
खुदको होंश खोने दो ज़रा,
एक जनम में कुछ नहीं रखा,
जन्मो-जनम तक प्यार करके देखो ज़रा।
मरके ही तो जीना सीखा है उसने,
जिसने प्यार की कोई सीमा नहीं देखि,
मैं तो तुम्हारी रूह से ही प्यार कर बैठा,
अब तो सिर्फ मरने का इंतज़ार है।
प्यार करो तो ऐसा करना,
की तुम- तुम न रहो,
मैं- मैं न रहूं,
पागलपन का दूसरा नाम है यह ,
इस जहां को जितने का एहसास है यह।
अपनी आर्ज़ुओं को यूँ न दबाओ,
बस एक- सिर्फ एक,
अपना कदम बढ़ा कर तो देखो,
मेरे प्यार का इम्तेहान ले कर तो देखो।
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